दोस्तों .. आज बिरसा मुंडा के मूर्ति का अनावरण के बहाने वोट बैंक में सेंध लगाने का खेल से खाना पूर्ति हो रही है , क्रांति के बजाय यह १५ नवम्बर को १४८ वीं जयंती .., भ्रांति सिद्ध हो रही है
बिरसा मुंडा के मात्र २५ साल की लघु आयु के उम्र में जेल में रहते उन्हें अंग्रेज सरकार द्वारा ज़हर दे कर मार दिया
“आदिवासी की आदि काल की ज़मीन पर फिरंगियों का अधिकार नहीं होने दूँगा”
यह मूल मंत्र देकर आदिवासी लोगों को जागरण कर एक संदेश देकर कहा कि धरती माता व हम ही आदिकाल से इसकी पूजा कर्त्ता व संरक्षक है
इस मंत्र के साथ उन्होंने अंग्रेजों के चूल्हे हिलाकर अपने क्षेत्र से हराकर आदिवासियों में चेतना डालकर वे मुंडा साहब को आज भी भगवान मानतै है
आज भी मुंडा समुदाय प्रात: कल मैं अपने नृत्य कार्य में निकलने से पहिले
देश के झण्डे को दण्डवत प्रणाम करतै है
दोस्तों .. आज बिरसा मुंडा के मूर्ति का अनावरण के बहाने वोट बैंक में सेंध लगाने का खेल से खाना पूर्ति हो रही है , क्रांति के बजाय यह १५ नवम्बर को १४८ वीं जयंती .., भ्रांति सिद्ध हो रही है