विदेशी हवाओं से किसी देश का झंडा फहराता है तो वह देश अपने संस्कृति के साथ उड़कर डूब जाता है ..
(तीन भागों में)
मोदीजी.., राम -राम..
३० जनवरी के मेरा काल दिवस से नथूँराम ने दिया मुझे पूर्ण कालिक विश्राम
ऐसे भी . सत्ता परिवर्तन को आज का ढकोसला से देश के टुकड़े करकर , मेरी ऐसे भी कोई नही सुनता था व हर कांग्रेसी जो सत्ता को अय्याशी की कुर्सी से हो रहा था बेलगाम ..
जनता भी इस आबू हवा से थी परेशान ..
और मुझे “राष्ट्रपिता” का तमग़ा कहकर , विगत ७५ वर्षों से जनता को धोखा देकर ..,
“गांधी” नाम के भ्रष्टाचार की नैया से २१ वी शताब्दी के सन् २००४ से २०१४ तक की इटली की वैतरणा नदी पार करने की एक “कसौटी” भी सार्थक हो गयी..
“मोदीजी” मैं अब और ऊँचीई नहीं छूँ सकता है
“मुझे इस नोटों के खेल में और मत खींचो”
अभी मेरे काल दिवस ३० जनवरी २०२४ को मेरा पाँव फिसलने से शेयर बाज़ार का सूचकांक ८०१ अंकों की गिरावट से देशवासियों को ३ लाख करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने से अब गरीब जनता में सुगबुगाहट है की कृत्रिम तेज़ी व माखनबाज़ी कराकर गांधी नाम की मार्केटिंग हो रही है
मेरा स्वदेशी का नारा हो गया “हराम .., हे राम..
अब अयोध्या में आ गये हैं “श्रीराम.., “
अब देश के युवाओं में शक्ति संचार से राष्ट्र में शक्ति डालने के लिए अब वे “देशी हाथ, साथ, विचार व संस्कार से बेताब हैं । अब देश का भविष्य सुसज्जित है
अब देश को सरताज बनाने से कोई नही रोक सकता है
“मोदीजी” .., “विदेशी हवाओं से किसी देश का झंडा फहराता है तो वह देश अपने संस्कृति के साथ उड़कर डूब जाता है ..”
कृपया , नोटों से मेरा चित्र हटाकर मुझे मुक्ति दो..
मोदीजी राम -राम..
३० जनवरी के मेरा क
ऐसे भी . सत्ता परिवर्तन को आज का ढकोसला से देश के टुकड़े करकर , मेरी ऐसे भी मेरी कोई नही सुनता था व हर कांग्रेसी जो सत्ता को अय्याशी की कुर्सी से हो रहा था बेलगाम ..
जनता भी इस आबू हवा से थी परेशान ..
और मुझे “राष्ट्रपिता” का तमग़ा कहकर ,
विगत ७५ वर्षों से जनता को धोखा देकर .., गांधी नाम के भ्रष्टाचार की नैया से सन् २००४ से २०१४ की इटली तक की वैतरणा की नदी पार करने की एक “कसौटी” भी सार्थक हो गयी..
“मोदीजी” मैं अब और ऊँचीई नहीं छूँ सकता है
“मुझे इस नोटों के खेल में मत खींचो”
अभी मेरे काल दिवस पर मेरा पाँव फिसलने से शेयर बाज़ार का सूचकांक ८०१ अंकों की गिरावट से ३ लाख करोड़ रुपये से अधिक के गिरावट से अब गरीब जनता में सुगबुगाहट है की कृत्रिम तहत कराकर गांधी नाम की मार्केटिंग को रही है
मेरा स्वदेशी का नारा “हो गया , हराम .., हे राम..
अब अयोध्या में आ गये श्रीराम..,
देश के युवाओं को राष्ट्र में शक्ति डालने के लिए “देशी हाथ, साथ, विचार व संस्कार से बेताब हैं
अब देश को सरताज बनाने से कोई नही रोक सकता है